Author Topic: Manila: Simply Heaven - मानिला: यथार्थ से परिचय  (Read 47302 times)

पंकज सिंह महर

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अल्मोड़ा जनपद में चीड़ के वृक्षों से आच्छादित ऊँची पहाड़ी के ढलान पर बसे मानिला गाँव में मानिला /माँ अनिला/ के दो मंदिर हैं- मानिला मल्ला और मानिला तल्ला। आज ग्रामों के नगरीकरण की मार से मानिला गॉव कुछ कुछ एक मैदानी कस्बे जैसा लगने लगा है- अहर्निश बढ़ती आबादी, दिन प्रतिदिन कटते वृक्ष, ग्राम में पानी की ऊँची टंकियाँ, सड़कों के किनारे खड़े होते बिजली के खम्भे, हाथों में मोबाइल और घरों में टी० वी०, तथा रामनगर से आने वाली मुख्य सड़क पर लगी चार पहियों के वाहनों की कतार सभी कुछ इस तपोमय भूमि के उच्छृंखल स्वरूप धारण कर लेने की कहानी कह रहे हैं। मुख्य सड़क के किनारे स्थित होने के कारण मानिला तल्ला मंदिर अपनी नैसर्गिक आभा त्यागकर एक मैदानी मंदिर के व्यापारिक स्वरूप को ओढ़ चुका है, परंतु पर्वत शिखर पर स्थित मानिला मल्ला मंदिर अपनी विशिष्ट स्थिति के कारण आज भी अपनी प्राकृतिक कमनीयता पूर्ववत संजोये हुए है। यद्यपि ग्राम मानिला से इस मंदिर को जाने वाली पहाड़ी पर एक डामर की सड़क बन गई है, तथापि सड़क के दोनों ओर लगे हुए वृक्षों और झाड़ियों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और वहाँ न तो कोई निर्माण कार्य हुआ है और न कोई दूकान खुली है। मानिला मल्ला मंदिर आज भी पूर्ववत चीड़ और साल के ऊँचे ऊँचे वृक्षों से ढका हुआ है।
साभार- http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/M/MaheshChandrDiwedi/yogini_Kahani.htm

पंकज सिंह महर

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इसीलिये कहते हैं राणा जी, मेरी मानिला डाणी

हलिया

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सविता जी हैं सल्ट से, अनुभव हैं महान,
पंकज जी का क्या कहूं, कण में डाले प्राण ।


आप तीनों का धन्यबाद ठैरा हो महाराज, मनीला का ऐसा सजीव वर्णन करने के लिये। और तीनों महानुभावों को एक-२ कर्मा भी।

savitanegi06

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मानिला आप वर्ष भर जा सकते हैं लेकिन ऐतिहात के लिए आप मानसून के मौसम में न जाएँ, क्योंकि आप इस समय हिमालय के दर्शन नही कर पाएंगे,

पंकज सिंह महर

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सविता जी हैं सल्ट से, अनुभव हैं महान,
पंकज जी का क्या कहूं, कण में डाले प्राण ।


आप तीनों का धन्यबाद ठैरा हो महाराज, मनीला का ऐसा सजीव वर्णन करने के लिये। और तीनों महानुभावों को एक-२ कर्मा भी।


अरे हलिया महाराज, आप तो कवि भी हो गये......अब मेरी तीन दिन की रेल बनने वाली है, सोमवार को आप और चित्रों के माध्यम से मानिला को देख पायेंगे।

प्रहलाद तडियाल

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जय माँ मनिला

भाई लोगो भौत भल काम करमा छा........आज मानिले डानी याद ताजा करी दी तुमल....................

जय माँ मनिला

जय माँ मनिला

जय माँ मनिला

खीमसिंह रावत

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सविता जी , थोड़ा सा परिवर्तन कर रहा हूँ

नजदीकी रेलवे स्टेशन:- रामनगर है

khim

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Bilkul sahi kaha aapne Rawat ji main karna bhool gaya tha :)

सविता जी , थोड़ा सा परिवर्तन कर रहा हूँ

नजदीकी रेलवे स्टेशन:- रामनगर है

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savitanegi06

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सविता जी , थोड़ा सा परिवर्तन कर रहा हूँ

नजदीकी रेलवे स्टेशन:- रामनगर है

khim

ji, dhanyavaad, galti ke liye kshama prarthi hoon,   :)

खीमसिंह रावत

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sahitya kunj me jo yogini kahani likhi hai kya vah sach hai/

khim

 

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