Author Topic: TRANSLATION OF KUMAONI-GARWALI LANGUAGE - कुमाऊंनी गढ़वाली भाषा का अनुवाद  (Read 269197 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंडी भाषाओ हिंदी में अनुवाद
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१) मी पहाड़ घुमण जाण रियू ?  (कुमोनी भाषा में)

हिंदी :  मै पहाड़ घूमने जा रहा हूँ!

२)  तुमि ले म्यार दगाड चालला की ?

हिंदी : क्या आप भी मेरे साथ चलोगे ?

३) आज कल पहाड़ में काफल पाकी रो होला
 
हिंदी : आज कल पहाड़ में काफल पके हुंगे !

४)  पहाड़ में बहुत घुमणि वाल जाग छन ?

हिंदी : पहाड़ में बहुत घूमने वाले जगह है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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See some Translation. You may also like to contribute in th is thread.
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 Hindi   :  Yaisa Lagta hai aaaj Barish Ho Sakti hai

Garwali :  Insu lagadu aaj Barish aiye Sakdu.

Kumaoni : Aaj yesa lagu ki Barish hai saku.
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Hindi   :  Mujhe ghar jaana thaa lekin Chhuti nahi mil rahi hai.

Garwali : Meel Ghar Chh jaan, par meete chhuti ne milan chaoo.

Kumaoni : Meel Ghar jaan chee lekin meeke chhuti nee milan raiy.
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Hindi   :   Aapki ki umra kya hai.

Garwali : Twe kati varsh choo. ?

kumaoni : Tumar umar kee choo ?
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Hindi  : Tum Shadi kab kar rahe ho. Tumari to umra ho chuki 

Garwali : Tweel byo kab cho kan, tweri to umra hwee ge.

Kumaoni : Twumi bya kab karan raicha, tumar umar to hai gaiyee ab.

 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto...

You can also try from your side write a few sentence on any subject.


कुमाउनी  में
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हिंदी में   : आज खूब वरिश हो रही है ?

कुमाउनी  : आज खूब वरिश हुण रै ?

हिंदी में   :  आप आफिस के घर कब जा रहे हो ?

कुमाउनी  :   तुमि आफिस बटी घर कब जाण रैछा ?

हिंदी में   :   बारिश मे भीग जावोगे छाता जरुर ले जाना !

कुमाउनी  :    वारिश में भीग जाला, छात जरुर ली भे जाया !

Devbhoomi,Uttarakhand

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उत्तराखंडी भाषाओ हिंदी में अनुवाद
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१) मी पहाड़ घुमण जाण रियू ?  (कुमोनी भाषा में)

हिंदी :  मै पहाड़ घूमने जा रहा हूँ!

२)  तुमि ले म्यार दगाड चालला की ?

हिंदी : क्या आप भी मेरे साथ चलोगे ?

३) आज कल पहाड़ में काफल पाकी रो होला
 
हिंदी : आज कल पहाड़ में काफल पके हुंगे !

४)  पहाड़ में बहुत घुमणि वाल जाग छन ?

हिंदी : पहाड़ में बहुत घूमने वाले जगह है !

गढ़वाली मैं अनुवाद

१)-मैं पहाड़ मा घुमण जाणू छों

२)- तुमु भी मैं दगडी चलदन क्या

३)-अच्गालू पहाड़ मा काफल होला पक्यां

४)-पहाड़ मा भोत घुमण वाली जग्गा छन


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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वार्तालाप दो लोगो जो कि उत्तराखंड की मिटटी से है जिनकी मुलाकात बस अड्डे पर होती है :
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1st १.   नमस्कार.. आपकी भाषा उत्तराखंड की जैसी लग रही है, क्या आप उत्तराखंड से सम्बन्ध रखते है 
 क्या?
नमस्कार दाजू : तुमरी बोली उत्तराखंड क जसी लगन रेई, तुमि उत्तराखंड क रूनी छा के ?



1st - हाँ  म्यार नाम मोहन रावत छु  !

२nd :  और म्यार नाम दिनेश बिष्ट छु !


१ Dinesh  Bisht  (DB) :   Where do you belong to Uttarakhand ?

 दिनेश :   तुमि उत्तराखंड मे कहांक रूणी छा ?


२ Mohan Rawat    . (MR) :   I am from Pithoragarh Distt of Uttarakhand.
 
    मोहन रावत : मी पिथोरागढ़ क रूणी छियो!

 
3.   (DB)  Oh Nice, one of my friends Rajender used to study with  me Nainital who was also from pithoragarh. Are from proper Pithoragarh city or some place ?

ओह भली बात, म्यार एक दोस्त छि राजेंद्र जो म्यार दगाड नैनीताल मे पनिछी वो ले पिथोरागढ़ बटी छी!  तुमि खास पिथोरगढ क रूणी छ और कोई और जाग क ?


Answer  (MR)  :   My village is  near Mahakali Temple, Gangoli Haat.

ना दाजू. .म्यर घर पिथोरागढ़ में गंगोली हात महाकाली मंदिर क नजदीक गौ मी छु !



3.   (DB)  Nice.. I have also visited this temple twice in my childhood. It is really a big temple and people from various parts of our Country visit this temple. A  fair also held there during Navratara?  How far is Patal Bhuvnershwar from Gangoli Haat ?

अच्छा ! मी ले बचपन में यो मंदिर मै द्वी बार जा रियो ! यह बहुत ठुल मंदिर छु यहाँ देश अलग-२ जाग बटी लोग ऊनी! नवरात्र में यहाँ एक म्याल ले लागो !  गंगोली हाट बटी पाताल भुबनेश्वर क गुफा कदी ताड़ (दूर) छो ?

Answer  (MR):  This is almost 14 km ahead from the Mahakali Temple. This cave is quite unique and there are many natural statues inside  the cave which have connection epics like Maharabarata etc.   

यो जाग महाकाली मंदिर बटी १४ किलोमीटर क दूरी मी छो ! यो गुफा बहूत रहस्यमय छु ! गुफा भीतेर भौत आपु आप बनी मूर्ती छान जैक संभंध महाभारत देगे ली छु !



4.  (DB)  Daju.. (Elder Brother) : Tell me about your family members ?

दाजू अब अपुन परिवार बार मे बताओ, को को छान तुमार घर मे !



Answer  (MR)  :  My father is Ex-army person and mother is house-wife. We are two brothers and a sister and we all married.

म्यर बाजू आर्मी retired छान और ईजा गृहणी छु ! हमी द्वी भाई और एक बैण (बहिन) छियो और सब्नक बया हैगियो !


5.  (DB)  Since when you have been living in Delhi ?

दिल्ली मे कब बे रूंण रीछा ?

Answer   (MR):   For the last 10 yrs I have been living in Padav Nagar and I work in a Pv t Company.

मी दिल्ली मे पांडव नगर मे 10 साल बटी रूंण रियो और एक प्राइवेट कम्पनी में काम करू !


6.   (MR):   What about you ? You are from which Distt of UK ?

अब तुमि सुनाओ दाजू ! तुमि दिल्ली मे कब बटी रूंण रैछा और उत्तराखंड में को जाग क रूनी छा?

Answer : (DR):  I am from Bageshwar Distt and also do service in Ghaziabad.

दाजू ! मे बागेश्वर जिल क रूनी छियो और गाजियाबाद मे सर्विस करू !


7.  (MR)  -  Since when you are in Delhi ?

तुमि  दिल्ली मे कब बटी छा ?

   (DR_)   -  I am living in Delhi since 2 yrs and I am also doing a Pvt Job here.  I live in a rented House in Ghaziabad itself.

मी दिल्ली मे द्वी साल बटी छियो और एक प्राइवेट नौकरी करू ! मी गाजियाबाद मे किराय मे रू!


8. (MR) -   Nice.. Thank nice to meet you.

भली बात : ठीक छो दाजू. तुमिन दगे मिल भे भाल लागो !

   (DR)   -   Thank u Daju

ओके दाजू   

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड की लोक संगीत के बारे मे यह बार्तालाप रावत जी एव बिष्ट जी के बीच
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बिष्ट जी :  दाजू  तुमि उत्तराखंड क लोक संगीत सुन्छा ?

Bist Ji :  Daju (Elder Brother) Do u listen Uttarakhandi Folk Music ?


रावत जी :   हाँ दाजू.. पहिली मी उत्तराखंड क बहुत गाना सुनिछियो और म्यर पास बहुत कैसेट ली छि, लेकिन आज कल क गीत सुण नि लायक निहैतिन! बस तड़क भड़क संगीत छो और यो गाना पहाड़ जस नी लगान!

Rawat Ji :  Yah.. I used to listen old days song and I had many cassettes but today’s songs are not worth to listen.  Today’s songs are full rapturous music and no way these songs seems to be Pahadi songs.


बिष्ट जी  :  बिलकुल दाजू.. सही कूँन रैछा तुमि, एक समय छि लोग उत्तराखंड क गाना सुनन लीजी आकाशवाणी मे गाना सुनन क लीजी इन्तेजार करछी ! अब तो बस अब एल्बम कौनी कब जानी पत नी लागुन !

Bisht Ji : You are very right Daju.. Gone are the days when people used to wait for Utarakhandi Songs in Aakashwani and today we don’t know when the music albums come the market and when wash out.


रावत जी :   आजकल गाना तो द्वी दिन चलनी बस वी बाद गायब है जानी! तो तुमार सबसी पसंदीदा गायक और गायिका कौ छि पुराण समय मे ?

Rawat Ji :   Today’s songs are nine days wonders and disappear after a few days. Ok. who were you favorite singers of Old days ?


बिष्ट जी :   हमि तब समय मे गोपाल बाबु गोस्वामी, कबूतरी देवी, जीत सिह नेगी, राम रतन काला, चन्द्र सिह राही आदि लोगो न क गाना सुन्छी ! हालिक नरेन्द्र सिह नेगी और हीरा सिह राणा जी लै कुछ हमार संगीत जिन्द धरी राखी !

Bisht Ji :  In gone days, we used to listen Gopal Babu Goswami, Kaboorti Devi, Jeet Singh Negi, Ram Ratan Kala, Chandra Singh Rahi etc. However, Mr Narendra Singh Negi and Heera Singh has kept our music alive today.


रावत जी : बिलकुल सही कौण रैछा बिष्ट जी.. बस नयी पीड़ी कै इन लोग बटी सीख लींण चै!

Bisht Ji : Rawat ji you are very right. Our new generation must learn from these legendary singers.


बिष्ट जी :   तुमिल कबे कोई पहाडी फिल्म देखि छे ?

Rawat Ji : Have u ever watched any Uttarakhandi Movie ?



रावत जी :  होई महराज.. पैली मील देखि, मेघा आ, घरजवै, जग्वाल ! पर अ़ब कौ फिल्म औंन रिये कभेर पत नी लागुन !

Bisht Ji : Yes.. Earlier, I had watched movies like Megha Aa, Ghar Jawai, Jagwaal but today we don’t know which movie is released when ?


बिष्ट जी :  सही कौण रैछा महराज !

Bisht Ji : You are very right Rawat Ji .


रावत जी :  हमार सरकार कै ली आपुन उत्तराखंड फिल्म कै बढावा दीण क लीजी एक क्षेत्रीय फिल्म इंडस्ट्री क निर्माण कर चै ताकि यहाँ भाल -२ फिल्म बन सको!

Rawat Ji : Our Govt must make a regional film Industry for Uttarakhand so that our films get promotion and good quality of movies are made.


बिष्ट जी :  बिलकुल सही महराज.. सरकार कै यो तरफ ध्यान दीण चै  !

Bisht Ji : You are very right Rawat Ji. Govt must pay attention towards this.

अच्छा पै नमस्कार.. 

Ok namaskar…   

Devbhoomi,Uttarakhand

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BAHUT HI BADIYA HAI YE VAARTALAV GRATE WORK MEHTA JI

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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These are a few setence of present, past and future tense.
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१. Hindi : मै किताब पड़ता हूँ
   Kumaoni : मी किताब पडनू!

            GARHWALI MAIN -मैं किताब पददूँ !
२.  Hindi : मै किताब पड़ रहा हूँ !
          GARHWALI MAIN -मैं किताब छोहूँ पैणु कु !
    Kumoani : मी किताब पड़न्यू


३.  Hindi : मैंने किताब पड़ी !

     Kumaoni: मील किताब पड़ी!

        GARHWALI MAIN- मैन किताब पैल्डी
४.  Hidndi :मै किताब पडूंगा!
            GARHWALI MAIN-मैं किताब पैल्डू !
    Kumoani : मी किताब पडून !


५. Hindi : मुझे किताब पड़ना चाहिए !
         GARHWALI MAIN- मैं तैं किताब पड़ीं चैदी !
    Kumoani : मैके किताब पडन चै!


६.  Hindi : मै किताब पड़ते रहूँगा !
      GARHWALI MAIN- मैं किताब पड़दी रोलु !
    Kumaoni :  मै किताब पड़ते रून!


७. Hindi :  मै किताब पड़ते आ रहा हूँ
   Kumoani : मी किताब पड़ते आनियों

        GARHWALI MIAN-  मैं किताब पड़दी छों आणू !
८.  Hindi :  तुम किताब पड़ते हो !
       GARHWALI MAIN--तुमु किताब पडदा छन!
     Kumoani : तुमि किताब पड़छा
!

९.   Hindi : तुम किताब पड़ रहे हो !
            GARHWALI MAIN--तुमु किताब छन पैणI
     Kumoani :तुम किताब पड़न्छा


१०. Hindi :  तुमने किताब पडी!
         GARHWALI MAIN-तुमुन किताब पैल्डी !
    Kumoani:   तुमल किताब पड़ीं!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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A CONSERVATION BETWEEN RAWAT JI AND BISHT JI ON CAPITAL ISSUE OF UTARAKHAND

हमारे इस वार्तालाप के काल्पनिक पात्र बिष्ट जी एव रावत जी है! आज का विषय है पहाड़ की राजधानी पर रावत जी और बिष्ट जी के बीच यह वार्ता !
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१.  बिष्ट जी :  रावत जी आज उत्तराखंड राज्य को बने लगभग ९ साल हो गए है, लेकिन वहां पर विकास उतना नहीं हुवा है जितनी की आशा की जा रही थी !

 कुमाऊनी :  रावत जीयु, आज हमर उत्तराखंड राज्य कै बनी लगभग ९ साल है गयी पर वांक विकास उद्दी ना भय जदी लोगो ले आश करी रैछी !

गढ़वाली -रोतजी आज हमारा उत्तराखंड बनिक त्तें नौ साल ह्वेगीन, पर यख विकास यथ्गा नि हवे,जथ्गा कि आशा थै!

रावत जी :  बिष्ट जी बिलकुल सही कह रहे है, मेरे गाव मे तो अभी तक बिजली भी नहीं पहुची है, सड़क तो दूर की बात है !

कुमाऊनी :  बिष्ट जीयु, बिलकुल सही कूँन रैछा तुमि, म्यर गौ मा तो आजि तक बिजली ले ना पूजी रैए सड़क तो दूर क बात छो !

गढ़वाली  -बिष्ट जी बिलकुल सही बात छ म्यारा गों माँ ता बिजली भी नि पोंछी सड़क ता दुरु की बात छ !

बिष्ट जी : क्या करे रावत जी, क्या होगा इस राज्य का भगवान् ही जाने ! एक महतवपूर्ण विषय है उत्तराखंड राज्य के स्थाई राजधानी का,  जिसका  की अभी तक समाधान नही हो पाया है !

कुमाऊनी :  कि करी हो रावत जीयु,  यो राज्य क की होल भगवान् ही जाणो! एक खास विषय छो उत्तराखंड राज्य क स्थाई राजधानी क, जैसे आज तक ले समाधान नी है पाय !

गढ़वाली-क्यकन रोत जी क्या होलू राज्य कु भगवान् ही जाणदू होलू,पर याक विषय छ उत्तराखंड की  राजधानी कु,जैकू की अभी तक क्वी समाधान जी व्ही!

रावत जी :  बिष्ट जी निसंदेह यह एक बहुत ही गंभीर एव महतवपूर्ण विषय है आखिर जिस पहाड़ के विकास के लिए लोगो ने राज्य बनाने के लिए अपनी शहादत दी थी उनको सपनो का राज्य अभी तक नहीं बन पाया! उत्तराखंड राज्य के संघर्ष के दौरान से ही गैरसैण उत्तराखंड की राजधानी तय थी, लेकिन राज्य बनाने के बाद देहरादून को अस्थायी राजधानी घोषित किया गया और गैरसैण को बाद मे राजधानी बनाने के लिए कहा गया ! जिसके लिए बाद dixit आयोग बनाया गया! जिससे उत्तराखंड राज्य की स्थाई राजधानी बनाने के लिए रिपोर्ट देने को कहा गया ! जिस दंग से इस आयोग का समय ११ बार बढाया गया उससे स्पस्ट है की इसमें राजनीती की गयी है और लोगो के भावनाओ और राज्य के विकास के साथ एक षडयंत्र रचा गया है !

कुमाऊनी : बिष्ट जीयु,  यो बात मे बिलकुल ले संदेह नि छू और यो बहुत गंभीर एव महत्वपूर्ण विषय छो ! आखिर जो पहाड़ क विकास क लीजी लोगो राज्य बनूँन मी आपुन शहादत दी, उनार स्वीण क राज्य अब तक नी बन पाय !उत्तराखंड राज्य क संगर्ष क दौरान बटी गैरसैण उत्तराखंड राज्य क राजधानी तय छिई, लेकिन राज्य बनन क बाद देहरादून अस्थायी राजधानी घोषित कर दी गयी और गैरसैण का  बाद मे राजधानी बनूँन क लीजी केई गयी !  जैक बाद मा, एक दीक्षित आयोग का गठन कर दी गयी और वीके केई गयी उत्तराखंड राज्य का राजधानी बनूँन लीजी आपुन रिपोर्ट दियो ! लेकिन जो दंग ले यो आयोग का समय ११ बार बडाई गयी, वील स्पस्ट छि कि यामी कोई राजनीति चाल चहिये और लोग ना क भावनाओं और राज्य के विकास लीजी एक चाल चली राखो !

गढ़वाली- बिष्ट जी यु ता याक भोत गंभीर विषय छ,आखिर कार जै पहाड़ी राज्य बनोनक  लोगोन अफरी सहादत दिनी ,वोंकू सपिनो कु राज्य अभी तक नि बणी,जब बीटी उत्तराखंड आन्दोलन चली तब बीटी उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण तय ह्वेगी थै,पर राज्य बैना का बाद अस्थाई राजधानी देराद्वान घोषित करी दिनी,बाद मा गैरसैण तैं राजधानी बनोनाक तैं बोली दिनी,जैका बाद दिक्सित आयोग बानाएगी,जेमा की उत्तराखंड राज्य अस्थाई राजधानी बानोनेकी रिपोट दयानक ब्वालेगी ,जै ढंग सि आयोग  कु टैम ग्यारा बार बढायेगी,तै सी स्पस्ट छ की ये मा क्वी राजनीति छ और लोगुकी भाव्वना और उत्तराखंड का विकास दगडी चाल चलेगी!

बिष्ट जी : बिलकुल सही रावत जी, लेकिन हमें राजधानी को गैरसैण बनाने के लिए संघर्ष जारी रखना होगा !

कुमाऊनी :  बिलकुल सही रावत जीयु, लेकिन हमींन कै राजधानी गैरसैण बनूँन लीजी संघर्ष जारी रखन होल !
[/color][/b]


गढ़वाली-बिलकुल सही बात छ रोत जी पर हमू तैं गैरसैण राजधानी बनों़क तैं सघर्ष जारी रखन पडालू !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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See our Rawat Ji & Bisht Ji's Conversation
यह वार्तालाप काल्पनिक है और केवल भाषा सिखाने के लिए किया गया है !
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रावत जी :   बिष्ट जी आप कहाँ जा रहे है :

कुमाउनी  :  बिष्ट जी तुमि का जान रे छा
?

गढ़वाली -बिष्ट जी आप कख छन जाणा!

बिष्ट जी   :   रावत जी मे बाजार जा रहा हूँ !

कुमाउनी  :    रावत जुयो, मी बाजार जाण रियो !


गढ़वाली -रोत जी मैं बाजार छों जाणु !

रावत जी :     आज आपकी ऑफिस कि छूटी है क्या !

कुमाउनी  :     आज तुमरी ऑफिस का छूटी छे क्यी?


गढ़वाली -आज आपका ऑफिस की छुटी च!

बिष्ट जी  :     नहीं रावत जी, आज थोडा बच्चो के स्कूल मे जाना है, इस लिए छूटी ली है !

कुमाउनी  :     ना हो रावत जियो, आज नानतिन क स्कूल मे जाण छो इक लीजी छूटी ले रैछो !


गढ़वाली -न रोत जी आज थोडा निन्यालू  का स्कूल मा काम च ,तभई मैं छुटी लिनी!

रावत जी :     पहाड़ कब जा रहे हो ?

कुमाउनी :  पहाड़ मे कब जाण रैछा


गढ़वाली -पहाड़ कब छन जाणा !

बिष्ट जी  :   रावत जी बस बच्चो के स्कूल की छूटी पड़ते है घर जाने का प्लान है !

कुमाउनी  :  रावत जीयु,  बस नान्तिनो क स्कूल क छूटी होते ही घर जाण क विचार छो !


गढ़वाली -रोत जी बच्चों के स्कूल बंद होणा का बाद कु प्लान च !

रावत जी :  बढ़िया है बिष्ट जी, मे भी गर्मियों मे पहाड़ जाने की सोच रहा हूँ !

कुमाओनी :  बहुत बढ़िया रावत जी, मी ले गर्मियों मे पहाड़ जाण क सोच रियो !


गढ़वाली -बढ़िया बिष्ट जी मैं भी अबारे की गर्मियों की छुटीयों मा गों जाण कु विचार छ !

बिष्ट जी   : अच्छी बात है रावत जी

कुमोनी   :  भली बात रावत जी !


गढ़वाली -अच्छी बात च रोत जी !

 

 

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