फसल को तबाह कर रहे हैं जंगली जानवर
कर्णप्रयाग (चमोली)। समय पर वर्षा न होने से पहाड़ के किसानों को इस बार भी सूखे का सामना करना पड़ा। खेतों में जो फसल है उसे भी जंगली जानवर तबाह कर रहे है।
वनों में लगी दावाग्नि के बाद जंगली जानवरों का रूख शहरों व गांवों की ओर अधिक हुआ है। कपीरी क्षेत्र के पाडली, फाला, सुणाई, खत्याड़ी, धनसारी, कंडारा, स्यान में जंगली सुअरों का आतंक कम होने का नाम नही ले रहा है। कई स्थानों पर भालू के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं। चांदपुर पट्टी के जाख, सुंदरगांव, पुडियाणी, गैरोली, चमोला में भी इन जंगली जानवरों ने किसानों की बची फसल को बर्बाद कर दिया है। बंदरों के आतंक से नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग के कई वार्डवासी परेशान हैं।
सिमली। डिम्मर, नाकोट, कोली, गबनी, जेंटा, मटियाला, धारकोट में भी आये दिन जंगली सुअर दिन-रात फसलों को हानि पहुंचा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग से जंगली सुअरों को मारे जाने की अनुमति भी मांगी, लेकिन प्रशासन का सुस्त रवैया हालात पर काबू नहीं कर सका है। ग्रामीण राम ंिसह, आशा देवी, बीना देवी, कांती देवी, जयदीप गैरोला, हेमंत सेमवाल, मोहन लाल ने जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की वन विभाग से मांग की है।
देवाल। ब्लाक क्षेत्र के एरेठा, देवसारी, मेलमिंडा, मुंदोली, ताजपुर, हरनी, वांण, रामपुर, तोरती, घेस, बलाण व चोंटिग में भी सुअरों ने काश्तकारों की खड़ी फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। पूर्व प्रधान मदन राम, महिपाल सिंह, महिपत ने जंगली जानवरों के आतंक से निजात की मांग की है।